
कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की परीक्षाओं में हर साल लाखों छात्र शामिल होते हैं, ताकि उन्हें सरकारी विभागों में एक स्थिर और सम्मानजनक नौकरी मिल सके। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि चयन सूची में होने के बावजूद योग्य उम्मीदवार कुछ ही अंक पाकर रह जाते हैं और सीटें खाली रह जाती हैं। SSC ने 2025 से चयन प्रक्रिया को और बेहतर बनाने के लिए एक नई व्यवस्था शुरू करने का निर्णय लिया है, जिसे “स्लाइडिंग स्कीम” के नाम से जाना जाएगा।
इस लेख में हम समझेंगे कि स्लाइडिंग स्कीम का तंत्र क्या है, इसका संचालन किस प्रकार होगा, इसके प्रमुख फायदे क्या हैं, और यह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए कितनी उपयोगी हो सकती है।
क्या है एसएससी की स्लाइडिंग स्कीम?
स्लाइडिंग स्कीम एक भर्ती प्रक्रिया है, जिसमें अगर कोई उम्मीदवार किसी उच्च पद के लिए चयनित हो जाता है और वह उसे स्वीकार कर लेता है, तो उसकी निचली पसंद (पद वरीयता) को छोड़ दिया जाएगा और वह पद किसी अन्य प्रतीक्षा सूची वाले उम्मीदवार को दे दिया जाएगा।
सरल शब्दों में कहें तो यदि कोई टॉपर अभ्यर्थी प्रथम स्थान स्वीकार कर लेता है तो उसके दूसरे, तीसरे आदि प्राथमिकता वाले पद अब रिक्त हो जाएंगे, ताकि अन्य को मौका मिल सके। इससे प्रत्येक सीट का पूरा उपयोग सुनिश्चित होगा और योग्य लेकिन छूटे हुए विद्यार्थी को नौकरी पाने का अवसर मिलेगा।
स्लाइडिंग स्कीम क्यों जरूरी थी?
रिक्तियों की समस्या:
पिछले कुछ वर्षों में देखा गया है कि एसएससी द्वारा चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी कई पद रिक्त रह जाते हैं, क्योंकि चयनित अभ्यर्थी अन्य परीक्षाएं भी पास कर लेते हैं और बेहतर विकल्प चुन लेते हैं।
वेटिंग लिस्ट का बेहतर उपयोग न कर पाना:
एसएससी की वेटिंग लिस्ट में योग्य अभ्यर्थी होने के बावजूद भी उन्हें किसी अन्य द्वारा छोड़े गए पद पर नियुक्ति नहीं मिल पाती। इससे अभ्यर्थी को तो नुकसान होता ही है, साथ ही सरकारी संसाधनों का भी पूरा उपयोग नहीं हो पाता।
प्रतिभा का नुकसान:
सरकारी विभागों में योग्य अभ्यर्थियों की कमी हो जाती है, क्योंकि नियुक्ति पूरी नहीं हो पाती। स्लाइडिंग स्कीम इस समस्या का समाधान हो सकती है।
कैसे काम करेगी यह योजना?
स्लाइडिंग स्कीम को लागू करने का तरीका इस प्रकार होगा:
अभ्यर्थियों को अपनी पसंद के अनुसार पदों की वरीयता चुननी होगी (जैसा कि अभी होता है)।
जब अंतिम मेरिट सूची जारी होगी, तो उच्च रैंक वाले उम्मीदवारों को पहले पद दिया जाएगा।
जैसे ही कोई उम्मीदवार किसी पद को स्वीकार करता है, उसके नीचे दिए गए सभी विकल्प हटा दिए जाएंगे।
अब वह पद प्रतीक्षा सूची में किसी अन्य पात्र उम्मीदवार को दिया जा सकता है।
उदाहरण:
यदि किसी उम्मीदवार ने अपनी पद वरीयता में यह लिखा है:
आयकर निरीक्षक
सहायक अनुभाग अधिकारी
लेखा परीक्षक
और उसे आयकर निरीक्षक का पद मिलता है और वह इसे स्वीकार करता है, तो अब उसका नाम अन्य दो पदों की सूची से हटा दिया जाएगा। ऐसे में Assistant Section Officer जैसा पद उस उम्मीदवार को मिल सकता है, जो मेरिट में अगली स्थिति में हो और उस पद को प्राथमिकता देता हो।
एसएससी ने किन पदों के लिए यह घोषणा की है?
स्लाइडिंग स्कीम को फिलहाल SSC CGL 2025 में लागू करने का प्रस्ताव है। इसके तहत 14,582 पद हैं, जिनमें से मुख्य हैं:
ऑफिस सुपरिंटेंडेंट (CBDT)
सेक्शन हेड (DGFT)
ऑडिटर
MEA में असिस्टेंट
इंस्पेक्टर (CBIC, CBN)
जूनियर स्टैटिस्टिकल ऑफिसर (JSO)
इस बार इन सभी पदों की भर्ती प्रक्रिया में स्लाइडिंग स्कीम लागू की जाएगी, ताकि ज्यादा से ज्यादा उम्मीदवारों को नियुक्ति मिल सके।

स्लाइडिंग स्कीम के फायदे
- हर सीट का पूरा इस्तेमाल
अब कोई भी पद खाली नहीं रहेगा। पहले जहां कई सीटें खाली रह जाती थीं, अब वे वेटिंग लिस्ट में शामिल योग्य उम्मीदवारों को मिलेंगी।
- वेटिंग लिस्ट वालों के लिए सुनहरा मौका
पहले जो छात्र कुछ अंकों से चूक जाते थे, उन्हें अब मौका मिलेगा। इससे मेहनत करने वालों को न्याय मिलेगा।
- पारदर्शी और स्मार्ट प्रक्रिया
इस योजना से भर्ती प्रक्रिया और पारदर्शी होगी। प्रत्येक अभ्यर्थी की नियुक्ति पद वरीयता के आधार पर की जाएगी।
- सरकारी विभागों को कुशल कर्मचारी मिलेंगे
रिक्त पदों को भरने से मंत्रालयों और सरकारी विभागों में कार्यभार संतुलित होगा।
छात्रों की प्रतिक्रिया
अभी तक स्लाइडिंग योजना को छात्रों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई अभ्यर्थियों ने कहा है कि यह एक बहुत अच्छा सुधारात्मक कदम है और इससे वर्षों से चली आ रही सीटों की बर्बादी की समस्या का समाधान होगा।
क्या इसमें कोई चुनौती हो सकती है?
स्लाइडिंग योजना को लागू करने में कुछ चुनौतियाँ हो सकती हैं:
मेरिट लिस्ट और वरीयता के आधार पर पद बदलने के लिए कुछ तकनीकी संशोधन की आवश्यकता होगी।
एसएससी को यह सुनिश्चित करना होगा कि इस योजना की प्रक्रिया पूरी तरह से स्वचालित और सटीक हो।
अभ्यर्थियों को उनकी पद वरीयता को सावधानीपूर्वक भरने के लिए उचित मार्गदर्शन देना होगा।
