
पशुपालन हमारे देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। खासकर उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में, जहां लाखों किसान अपने परिवार की आजीविका के लिए पशुपालन पर निर्भर हैं, सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएं काफी महत्वपूर्ण साबित होती हैं।
2025 में उत्तर प्रदेश सरकार ने पशुपालकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी दी है- अब दूध उत्पादक किसानों को ₹10,000 से लेकर ₹15,000 तक का प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इस योजना का नाम है- मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना।
इस लेख में हम आपको इस योजना के बारे में पूरी जानकारी देंगे- किसे मिलेगा लाभ, कैसे करें आवेदन, किन दस्तावेजों की होगी जरूरत और सबसे बड़ी बात, इस योजना का सही तरीके से कैसे उठाएं लाभ।
योजना का उद्देश्य क्या है?
उत्तर प्रदेश सरकार का मुख्य उद्देश्य इस योजना के माध्यम से स्थानीय पशुपालक किसानों को आधुनिक और व्यावसायिक तरीके से डेयरी फार्मिंग करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी बल्कि पूरे राज्य में उच्च गुणवत्ता वाली गायों और दूध उत्पादन में भी सुधार होगा।
कितनी राशि दी जाएगी?
यह योजना खास तौर पर देशी नस्ल की गायों (जैसे साहीवाल, गिर, थारपारकर, गंगातीरी, हरियाणा आदि) को पालने वालों के लिए शुरू की गई है। योजना के तहत दी जाने वाली राशि इस प्रकार निर्धारित की गई है:
नस्ल का नाम दैनिक दूध उत्पादन प्रोत्साहन राशि
साहिवाल, गिर, थारपारकर 8 से 12 लीटर ₹10,000
साहिवाल, गिर, थारपारकर 12 लीटर से अधिक ₹15,000
हरियाणा नस्ल 6 से 10 लीटर ₹10,000
हरियाणा नस्ल 10 लीटर से अधिक ₹15,000
गंगातिरी नस्ल 6 से 8 लीटर ₹10,000
गंगातिरी नस्ल 8 लीटर से अधिक ₹15,000
कौन पात्र है? इस योजना का लाभ उत्तर प्रदेश का कोई भी स्थायी निवासी उठा सकता है जो:
गाय पालता हो, और
नियमित रूप से दूध बेच रहा हो या दूध उत्पादन प्रमाणित कर सकता हो,
योग्य नस्ल की गाय रखता हो,
हाल ही में (1 वर्ष के भीतर) गाय खरीदी हो और उसके पास प्रमाणित दस्तावेज हों।
कौन से दस्तावेज चाहिए?
योजना के तहत आवेदन करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज चाहिए होंगे:
आधार कार्ड (फोटो और पते का प्रमाण)
बैंक पासबुक की कॉपी (जिसमें पैसा ट्रांसफर किया जाएगा)
गाय की खरीद का बिल/रसीद
पशु चिकित्सा अधिकारी से दूध उत्पादन की पुष्टि करने वाला प्रमाण पत्र
एक पासपोर्ट साइज फोटो
आवेदक का मोबाइल नंबर (आधार से लिंक)
कैसे करें आवेदन?
इस योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया है। आप नीचे दिए गए तरीकों से आवेदन कर सकते हैं:
- ऑनलाइन आवेदन (यदि उपलब्ध हो)
योजना से संबंधित फॉर्म उत्तर प्रदेश पशुपालन विभाग की वेबसाइट पर देखे जा सकते हैं। आप फॉर्म डाउनलोड कर उसे भरकर नजदीकी पशु चिकित्सालय या विकास खंड कार्यालय में जमा कर सकते हैं।
- सीएससी केंद्र से आवेदन
ग्रामीण क्षेत्रों में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से आवेदन करने की सुविधा दी जा रही है। वहां संचालक आपकी जानकारी लेगा और ऑनलाइन फॉर्म भरेगा।
- ऑफलाइन आवेदन
अगर आपके क्षेत्र में इंटरनेट की सुविधा नहीं है तो आप पशु चिकित्सक या ग्राम पंचायत के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। वहां से आपको फॉर्म मिलेगा जिसे भरकर जरूरी दस्तावेजों के साथ जमा करना होगा।
आवेदन करने के बाद क्या होगा?
आपके द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों की जांच स्थानीय पशु चिकित्सक और विकास खंड अधिकारी द्वारा की जाएगी।
फिर वे आपकी गाय के दूध उत्पादन की जांच करेंगे।
अगर सब कुछ सही पाया गया तो आपको सीधे आपके बैंक खाते में ₹10,000 से ₹15,000 तक की प्रोत्साहन राशि भेजी जाएगी।
इस योजना का लाभ कौन उठा सकता है?
छोटे और सीमांत किसान
डेयरी व्यवसाय शुरू करने वाले युवा
पशुपालन करने वाली महिला स्वयं सहायता समूह
पारंपरिक खेती से हटकर कुछ नया करने की चाहत रखने वाले लोग
क्या यह योजना सिर्फ़ गायों पर ही लागू है?
हां, फिलहाल यह योजना सिर्फ़ देशी नस्ल की गायों पर ही लागू है। भैंस पालन या दूसरे पशुओं (बकरी, मुर्गी आदि) के लिए अलग से योजनाएं हैं, जैसे राष्ट्रीय पशुधन मिशन और कामधेनु योजना।
योजना का पूरा लाभ कैसे उठाएं?
ज़्यादा दूध देने वाली नस्लों का चयन करें – जैसे गिर, साहीवाल, थारपारकर।
एक स्वस्थ गाय रखें – अच्छे चारे, नियमित टीकाकरण और पशु चिकित्सा देखभाल के साथ।
दूध उत्पादन का नियमित रिकॉर्ड रखें – इससे आपको सबूत देने में आसानी होगी।
पशु चिकित्सा अधिकारी से संपर्क बनाए रखें – ताकि आप कोई सरकारी अपडेट या योजना की जानकारी न चूकें।
समय पर आवेदन करें – सरकारी योजनाओं की समय सीमा सीमित होती है।