
भारत की सड़कें देश की धड़कन हैं और इन धड़कनों को गति देने वाले हमारे ट्रक चालक हैं। माल की डिलीवरी से लेकर आर्थिक व्यवस्था को चलाने तक, देश की नींव को मजबूत रखने में इनकी अहम भूमिका होती है। लेकिन सच तो यह है कि इन ट्रक चालकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और आराम को लेकर अब तक गंभीर प्रयास नहीं किए गए थे।
लेकिन जुलाई 2025 में भारत सरकार ने एक बहुत ही सराहनीय और व्यावहारिक कदम उठाया – “अपना घर” ट्रक-चालक विश्राम योजना 2025 नाम से एक नई योजना शुरू की गई, जिसमें ट्रक चालकों को हाईवे पर ही ₹112 में एसी रूम, बिस्तर, शौचालय, बाथरूम और भोजन जैसी बुनियादी सुविधाएं मिल रही हैं।
इस योजना का उद्देश्य केवल आराम प्रदान करना ही नहीं है, बल्कि एक बड़े सामाजिक बदलाव को दिशा देना भी है।
योजना की पृष्ठभूमि: जब थकान मौत का कारण बन जाती है
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, हर साल लगभग 30% सड़क दुर्घटनाएँ ट्रक ड्राइवरों की थकान और नींद की कमी के कारण होती हैं। बिना ब्रेक या आराम के, लंबी दूरी तक लगातार गाड़ी चलाना – इससे न केवल शारीरिक थकान होती है, बल्कि मानसिक तनाव भी होता है।
आज भी, अधिकांश ट्रक चालक राजमार्ग के किनारे खुले में सोते हैं – न सुरक्षा, न आराम और न ही स्वच्छता। यह स्थिति दुर्घटनाओं, बीमारियों और उत्पादकता में गिरावट का कारण बनती है।
सरकार की यह योजना इन समस्याओं का स्थायी समाधान प्रदान करने की दिशा में पहला बड़ा कदम है।
योजना का शुभारंभ और लॉन्च की समय-सीमा
घोषणा की तिथि: 1 जुलाई 2025
लॉन्च का समय: 3-5 जुलाई 2025 के बीच
घोषणाकर्ता: केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी
प्रारंभिक विशेषताएँ: देश भर में 368+ स्थानों पर “अपना घर” सुविधा शुरू की गई
योजना के मुख्य लाभ
₹112 में 8 घंटे का AC कमरा:
ट्रक चालक ₹112 में 8 घंटे आराम कर सकते हैं – बिना किसी डर या असुविधा के।
निःशुल्क सुविधा:
यदि चालक सरकारी पेट्रोल पंप से एक बार में 50 लीटर या उससे अधिक डीजल भरवाता है, तो उसे यह सुविधा निःशुल्क प्रदान की जाती है।
स्वच्छ स्नान और शौचालय:
प्रत्येक केंद्र में अच्छी स्वच्छता व्यवस्था है, जो विशेष रूप से ट्रक चालकों के स्वास्थ्य का ध्यान रखती है।
भोजन और पानी की उपलब्धता:
केंद्रों पर सस्ती दरों पर ताज़ा भोजन और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध है।
डिजिटल बुकिंग सुविधा:
“अपना घर” ऐप के माध्यम से स्थान और समय के अनुसार बुकिंग की जा सकती है।
सुरक्षित पार्किंग और सीसीटीवी निगरानी:
चालक के साथ-साथ उसके ट्रक की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है।
यह योजना कहां लागू है?
प्रारंभिक चरण:
इस योजना के तहत वर्तमान में जिन राष्ट्रीय राजमार्गों पर सुविधा चालू है, उनमें शामिल हैं:
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे
जयपुर-बड़ौदा राजमार्ग
कानपुर-लखनऊ राजमार्ग
बेंगलुरु-चेन्नई मार्ग
नागपुर-हैदराबाद एनएच
रांची-कोलकाता एनएच
अहमदाबाद-सूरत राजमार्ग
योजना का भविष्य:
सरकार का लक्ष्य 2026 तक पूरे भारत में 1000 से ज़्यादा राजमार्ग नेटवर्क को कवर करना है। चरणबद्ध विस्तार योजना:
2025 Q3 (जुलाई-सितंबर): 400+ स्थान
2025 Q4 (अक्टूबर-दिसंबर): 300+ नए स्थान
2026 Q1-Q2: शेष राज्य और राजमार्ग शामिल
क्या यह योजना पूरे देश में लागू की जाएगी?
हां। केंद्र सरकार ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने का फैसला किया है। राज्यों के सहयोग से सभी राजमार्गों और ट्रक क्लस्टरों में सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।
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सामाजिक और मानसिक प्रभाव
चालकों के आत्मसम्मान में वृद्धि:
पहले जहां चालक खुले में जमीन पर सोते थे, वहीं अब उन्हें साफ बिस्तर, छत और शांति मिल रही है।
परिवार की चिंता कम हुई:
चालक के परिवार को अब पता है कि उन्हें आराम करने के लिए सुरक्षित जगह मिलेगी।
यातायात दुर्घटनाओं में कमी:
पर्याप्त नींद लेने से ध्यान केंद्रित करने में सुधार होता है, जिससे सड़क पर जोखिम कम होता है।
मानसिक तनाव में राहत:
सोने के लिए जगह न मिलना, ट्रक चोरी होने का डर – ये सभी चीजें अब कम हो जाएंगी।
योजना की चुनौतियाँ
कुछ केंद्रों पर पानी या सफाई की कमी की शिकायतें।
मोबाइल ऐप में तकनीकी समस्याएँ और सीमित भाषा विकल्प।
ग्रामीण राजमार्गों तक अभी यह सुविधा नहीं पहुँची है।
सरकार का दावा है कि इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए निगरानी और फीडबैक सिस्टम पर काम चल रहा है।
महत्वपूर्ण जानकारी: ध्यान देने योग्य बातें
यह योजना केवल लाइसेंस प्राप्त ट्रक चालकों के लिए है।
एक बुकिंग पर एक चालक के लिए केवल एक कमरा उपलब्ध है।
112 रुपये की राशि में जीएसटी शामिल है और इसे ऐप या सेंटर पर नकद/डिजिटल भुगतान के माध्यम से लिया जाता है।
अधिकतम 8 घंटे की बुकिंग वैध है, उसके बाद नए स्लॉट की आवश्यकता होगी।
किसी भी तरह की अनुशासनहीनता के मामले में, ड्राइवर को योजना से निलंबित किया जा सकता है।
ट्रक ड्राइवरों के अनुभव
राजस्थान के ट्रक ड्राइवर जितेंद्र शर्मा कहते हैं –
“पहले हमें ढाबे के पास जमीन पर सोना पड़ता था, ट्रक चोरी होने का डर रहता था। अब हम रात में एसी कमरे में चैन की नींद सो पाते हैं।”
बिहार के एक अन्य ड्राइवर सलीम अंसारी कहते हैं, “112 रुपये में इतनी सहूलियत? पहले तो मुझे लगा कि यह मजाक है। अब मैं हर ट्रिप में ‘अपना घर’ तलाशता हूं।”
निष्कर्ष
“अपना घर” ट्रक‑ड्राइवर रेस्ट स्कीम 2025 सिर्फ एक योजना नहीं है, यह एक सामाजिक बदलाव की शुरुआत है। जिन लोगों ने अब तक केवल देश को चलाने का काम किया, उन्हें अब सरकार द्वारा एक आरामदायक छत और सुविधा मिली है। यह योजना न केवल मानवता का परिचय है, बल्कि एक सुरक्षित भारत की ओर उठाया गया कदम भी।
यदि इस योजना को ईमानदारी और निरंतरता से लागू किया गया, तो यह ट्रक ड्राइवरों के जीवन में एक क्रांतिकारी बदलाव लाएगी और भारत के सड़क परिवहन को एक नई दिशा देगी।
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