पूजा यादव, उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़िले के एक छोटे से गाँव की रहने वाली होशियार बच्ची है। बचपन से ही उसकी आँखों में बड़े सपने थे — डॉक्टर बनना, गांव की महिलाओं का इलाज करना और अपने परिवार को गरीबी से बाहर निकालना। पूजा दिन-रात मेहनत करती थी। स्कूल से लौटकर खेतों में मां की मदद करती, और रात को लालटेन की रोशनी में पढ़ाई करती। 2025 में उसने 10वीं कक्षा में शानदार 91.4% अंक हासिल किए। लेकिन जब बात 11वीं में दाखिले की आई, तो घर की हालत देखकर उसकी माँ की आंखें भर आईं — "बेटी, हम पढ़ाई का खर्च नहीं उठा पाएंगे…" पूजा समझ चुकी थी कि अब उसका सपना टूट सकता है। वह कुछ दिन उदास रही, लेकिन फिर उसके स्कूल के शिक्षक ने उसे बताया “Vidyadhan Scholarship” के बारे में।

“ये एक संस्था है जो 10वीं में अच्छे अंक लाने वाले और आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों की मदद करती है,” गुरुजी ने कहा। पूजा ने तुरंत वेबसाइट पर जाकर आवेदन किया। उसे अपनी मार्कशीट, आय प्रमाण पत्र और एक निबंध भरकर अपलोड करना था। उसने लिखा: “मैं डॉक्टर बनकर अपने गांव की महिलाओं को मुफ्त इलाज देना चाहती हूं। मेरी आर्थिक स्थिति कमजोर है लेकिन मेरा हौसला मजबूत है।” कुछ हफ्तों बाद पूजा को ईमेल आया — वह Vidyadhan स्कॉलरशिप के लिए चयनित हो गई थी। उसे सालाना ₹10,000 की सहायता मिली, जिससे उसकी 11वीं और 12वीं की पढ़ाई बिना रुकावट के पूरी हुई। आज पूजा इंटर की पढ़ाई के साथ मेडिकल प्रवेश परीक्षा (NEET) की तैयारी कर रही है, और हर दिन अपने सपनों के करीब पहुंच रही है।

नाम: पूजा यादव गांव: उन्नाव, उत्तर प्रदेश पिता का कार्य: खेतों में मजदूरी कक्षा 10वीं के अंक: 91.4% आय: ₹80,000/वर्ष