अब हर गांव में मिलेगा जनधन खाता, बीमा और पेंशन – जानें योजना का पूरा लाभ

भारत में आर्थिक सशक्तिकरण की लहर अब हर गांव तक पहुंच रही है। पहले जहां लोगों को बैंक, बीमा या पेंशन जैसी जरूरी सेवाओं के लिए शहरों की ओर भागना पड़ता था, वहीं अब वही सेवाएं गांव की चौपाल तक पहुंच रही हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने जुलाई 2025 से शुरू किए गए “वित्तीय समावेशन अभियान” के जरिए हर गांव के नागरिक तक बैंकिंग, बीमा और पेंशन योजनाओं को पहुंचाने की ऐतिहासिक शुरुआत की है।

इस ब्लॉग में हम इस योजना से जुड़े हर पहलू को विस्तार से समझेंगे- यह अभियान क्या है, इसमें कौन-कौन सी योजनाएं शामिल की गई हैं और इससे आम ग्रामीण जनता को क्या सीधा लाभ मिलेगा।

क्या है “वित्तीय समावेशन अभियान”?

“वित्तीय समावेशन अभियान” या “वित्तीय समावेशन अभियान” उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 1 जुलाई 2025 से शुरू किया गया एक विशेष कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य है- गांव-गांव जाकर उन लोगों को बैंकिंग, बीमा और पेंशन सेवाओं से जोड़ना जो अभी भी इनसे वंचित हैं। यह पहल 30 सितंबर 2025 तक प्रभाव में रहेगी, जिसके दौरान प्रत्येक गांव स्तर की संस्था में केंद्रित कैंप आयोजित किए जाएंगे। इन कैंपों में नागरिकों को यह सुविधा दी जाएगी कि वे लोग अपना बैंक खाता खुलवा सकते हैं, बीमा योजनाओं में नामांकन करवा सकते हैं और पेंशन योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। जनधन खाता – आत्मनिर्भरता की ओर पहला कदम “जनधन योजना” यानी प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) भारत सरकार की एक ऐसी योजना है जिसने देश भर के करोड़ों गरीब लोगों को पहली बार बैंकिंग से जोड़ा। इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप बिना एक भी पैसा जमा किए बैंक खाता खुलवा सकते हैं। जनधन खाते के मुख्य लाभ: खाता जीरो बैलेंस पर खुलता है – यानी कोई न्यूनतम राशि जमा करने की बाध्यता नहीं है। रुपे डेबिट कार्ड उपलब्ध है, जिससे पैसे निकालना, जमा करना और खरीदारी करना आसान हो जाता है। 2 लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा – यह लाभ तभी मिलता है जब आपके खाते में कोई सक्रिय लेनदेन हो। सीधा सरकारी लाभ – पीएम किसान, गैस सब्सिडी या वृद्धावस्था पेंशन जैसी योजनाओं की राशि सीधे इस खाते में आती है।

अब नया क्या है?

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस योजना को गांव-गांव तक पहुंचाया है और सुनिश्चित किया है कि हर परिवार में कम से कम एक व्यक्ति के पास जनधन खाता हो। इसके लिए बैंकों, पंचायत विभाग और स्थानीय अधिकारियों की मदद से कैंप लगाए जा रहे हैं।

बीमा योजनाएं – कम प्रीमियम में बड़ी सुरक्षा

गांवों में बीमा के बारे में अक्सर जानकारी का अभाव रहता है। लेकिन यह योजना उस कमी को दूर कर रही है। अब ग्रामीण लोग सालाना सिर्फ ₹20 से ₹436 खर्च करके ₹2 लाख तक का बीमा कवर पा सकते हैं।

दो मुख्य बीमा योजनाएँ:

प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY)

पात्रता: 18-70 वर्ष की आयु के नागरिक

प्रीमियम: ₹20 प्रति वर्ष

लाभ:

अगर किसी व्यक्ति की आकस्मिक मृत्यु होती है या वह पूरी तरह अक्षम हो जाता है, तो उसे दो लाख रुपये तक का बीमा लाभ प्रदान किया जाएगा।

आंशिक विकलांगता पर ₹1 लाख

प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY)

पात्रता: 18-50 वर्ष की आयु

प्रीमियम: ₹436 प्रति वर्ष

लाभ: मृत्यु होने पर ₹2 लाख का बीमा

यह बीमा क्यों ज़रूरी है?

गांवों में बहुत से लोग खेतों में काम करने या दिहाड़ी मज़दूरी करने जैसे ख़तरनाक काम करते हैं। ऐसे में एक छोटी सी दुर्घटना पूरे परिवार की आर्थिक कमर तोड़ सकती है। लेकिन ये योजनाएँ कम लागत पर बड़े लाभ प्रदान करती हैं।

अटल पेंशन योजना – वृद्धावस्था गारंटी
हममें से बहुत से लोग बुढ़ापे को लेकर अनिश्चित हैं। खास तौर पर असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोग (जैसे दिहाड़ी मजदूर, घरेलू कामगार आदि) रिटायरमेंट प्लानिंग नहीं कर पाते हैं। अटल पेंशन योजना (APY) इस समस्या का समाधान है।

मुख्य बिंदु:
पात्रता: 18-40 वर्ष की आयु के नागरिक

फायदे के रूप में, 60 साल पूरे होने के पश्चात लाभार्थी को प्रतिमाह ₹1,000 से ₹5,000 तक की पेंशन राशि प्राप्त होगी।

योगदान: आयु और पेंशन राशि के अनुसार मासिक राशि जमा करनी होगी (₹42 से ₹210 तक)

अगर आप जल्दी जुड़ते हैं, तो आपको कम राशि में अधिक लाभ मिलेगा।

अब यह योजना गांवों तक कैसे पहुंच रही है?

इस अभियान के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर अटल पेंशन योजना में ऑन-स्पॉट रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। बैंकिंग मित्र के माध्यम से लोगों को तुरंत फॉर्म भरवाकर योजना से जोड़ा जा रहा है।

केवाईसी और आधार लिंक करना भी आसान
कई ग्रामीण लाभार्थी सरकारी योजनाओं से सिर्फ इसलिए वंचित रह जाते हैं क्योंकि उनके बैंक खातों में केवाईसी या आधार अपडेट नहीं है। इस अभियान में ये सारे काम ग्राम पंचायत स्तर पर ही पूरे किए जा रहे हैं।

बायोमेट्रिक सत्यापन

मोबाइल नंबर लिंक करना

आधार-बैंक खाता सीडिंग

यूपीआई सक्षमीकरण

ये सारी डिजिटल सेवाएं शिविरों में उपलब्ध हैं।

सबसे ज्यादा लाभ किसे मिलेगा?

लाभार्थी वर्गकैसे मिलेगा लाभ
गरीब ग्रामीणबैंक खाता, बीमा, पेंशन सब मुफ्त या नाममात्र में
महिलाएंजनधन खाते से DBT और सुरक्षा योजनाओं की सीधी पहुंच
वृद्धजनअटल पेंशन योजना से बुढ़ापे में आत्मनिर्भरता
युवाबीमा योजनाओं और बैंकिंग से जुड़ाव

सरकार का विजन: कोई भी पीछे न छूटे

उत्तर प्रदेश सरकार इस अभियान को महज औपचारिकता नहीं मान रही है, बल्कि इसे “आर्थिक आजादी” की दिशा में एक ठोस कदम के तौर पर देख रही है। हर जिले में नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, जो साप्ताहिक आधार पर प्रगति रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं।

राज्य सरकार का साफ कहना है: “अगर हर व्यक्ति का बैंक खाता, बीमा और पेंशन लिंकेज हो जाए, तो गरीबी की सबसे बड़ी जंजीर को तोड़ा जा सकता है।”

यह अभियान न केवल आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह सोच में बदलाव भी है – अब ग्रामीण खुद को किसी से कम नहीं समझेंगे। बैंकिंग, बीमा और पेंशन जैसी सेवाएं अब उनके दरवाजे पर आ गई हैं।

तो अगर आप गांव में रहते हैं, या आपके परिवार के सदस्य गांव में रहते हैं – तो जुड़ने का यह सबसे अच्छा मौका है। क्योंकि अब शहर नहीं, बल्कि गांव आर्थिक क्रांति का अगला केंद्र बनेगा।

Gyan Singh Rjpoot

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